Saturday, 7 October 2017

बड़ी रियासतों में शुमार रही दियरा

मोतिगरपुर। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम धोपाप धाम में स्नान कर रावण हत्या के पाप से मुक्त होने के बाद आदिगंगा गोमती के जिस स्थान पर दीपदान किया था, कालांतर में वही स्थान दीपनगर (आज का दियरा) के नाम से जाना गया। दियरा राजपरिवार ने शरण में आये हुए की रक्षा करने के राजधर्म का पालन करने के कारण स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज अधिकारियों की रक्षा कर राष्ट्रद्रोह का भी दंश झेला है। जिले की प्राचीनतम चिकित्सालय का भवन आज भी विद्यमान है। वही क्षेत्र की सबसे प्राचीन बाजार आज भी प्रत्येक सोमवार और शुक्रवार को आज भी लगती है। यहाँ की भगवान श्रीकृष्ण की बरही व गंगा दशहरा का स्नान आज भी लोगों की आस्था पर भारी पड़ता है। शिक्षा के क्षेत्र में राजभवन के प्रवेश द्वार में संचालित रानी महेंद्र कुमारी सरदार बल्लभ भाई इंटरमीडिएट कालेज जिले में अपनी अलग ही पहचान रखता है। जहाँ कला, विज्ञान और व्यावसायिक शिक्षा के साथ-2 एनसीसी का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।  

दियरा निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. जगदीश शुक्ल ने आजाद हिंद फौज के सिपाही के रूप में गाँव का मान बढ़ाया। राम नारायण शुक्ल (जिला न्यायाधीश, म.प्र.), डॉ. रमाशंकर बरनवाल (सीएमओ), व डॉ. हरिदत्त शुक्ल सुलतानपुर जिले के ख्याति प्राप्त चिकित्सक रह चुके है। वही हैदराबाद में दयाशंकर तिवारी दवा व्यवसाय में अपनी अलग पहचान बना चुके है। गांव की कई अन्य मेधा प्रदेश व प्रदेश के बाहर प्रशासनिक सेवाओं में कार्य करते हुए क्षेत्र का मान बढ़ा रहे है।




ग्रामीणों ने कहा---

बाजार में सप्ताह के सोमवार और शुक्रवार को लगने वाली बाजार से छात्र/छात्राओं के साथ ही राहगीरों को घंटों जाम से जूझना पड़ता है। समस्या दूर होनी चाहिए।

                                    भगवान प्रसाद (व्यवसायी)

बाजार अतिक्रमण मुक्त हो। जल निकासी के लिए बने नाले व नालियों की मरम्मत और निर्माण कराया जाय, जिससे जल भराव न हो।

                              महेंद्र प्रताप सिंह "हरी"(व्यवसायी)

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व आवासीय भवन जर्जर हो चुके है। उनकी मरम्मत होने के साथ ही एक स्थायी चिकित्सक की नियुक्ति होनी चाहिए। जो चौबीस घंटे सेवा दे सके।

                             शिव मोहन शुक्ल "महोबा" (शिक्षक)

सबसे पुरानी बाजार होने व स्वच्छता कार्यक्रम के तहत बाजार में प्रसाधन का निर्माण आवश्यक है।

                                     संजय तिवारी (ग्रामीण)




थोड़ा है-----

-- प्राथमिक विद्यालय -3,

-- जूनियर हाईस्कूल-1,

-- कन्या जूनियर हाईस्कूल-1,

-- इंटरमीडिएट कालेज-1,

-- संस्कृत विद्यालय-1,

-- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-1,

-- पशु चिकित्सालय-1,

-- आंगनबाड़ी-3,

-- ग्रामीण बैंक-1  

-- बाँध मंडी  ।



थोड़े की जरूरत है----

--- राष्ट्रीयकृत बैंक की स्थापना,

--- विद्युत आपूर्ति में सुधार,

--- महाविद्यालय की स्थापना,

--- बाँध मंडी में की मरम्मत,

--- स्वच्छ पेयजल के लिए पानी की टंकी।

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